November 23, 2024 |
Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

BREAKING NEWS

गौ हत्या व सुतक में संलिप्त पुजारी को हटाने समाजिक लोगों ने अनुभिवागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई की रखीं मांग।स्वास्थ्य सुविधा भगवान भरोसे,स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही आई सामने वार्ड बॉय का काम कर रहा है सुरक्षा गार्डबुंदेलखंड में लुप्त होती प्रसिद्ध शेर नृत्यकला को जीवित कर रहे, महावीर वार्ड दुर्गा समिति के युवास्टंटबाजो के हौसले बुलंद,सामूहिक दुष्कर्म घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने नेशनल हाईवे बीना-सागर रोड पर किया चक्काजाम, मकान गिराने, फांसी की सजा दिलाने की मांगभगवान भरोसे शिक्षा विभाग,प्रधानाध्यापिका के शिक्षक पति ने स्कूल में आकर बच्चों के सामने ही शिक्षिका पत्नी के साथ की मारपीटखुरई में सोमवार की रात उज्जैन की तर्ज पर बाबा महाकाल की निकली शाही सवारीशिक्षक ने छात्रा के साथ अनुचित और अश्लील व्यवहार करने पर विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर किया चक्काजाम,पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह रक्षाबंधन पर्व पर अपनी मुंह बोली बहन से राखी बंधवाने पहुंचे बरोदिया नोनागिरछात्रा के साथ अनुचित और अश्लील व्यवहार करने पर सागर जिला शिक्षा अधिकारी ने सहायक शिक्षक सुपार्श्व कुमार को किया निलंबित,घटना को लेकर कल सौंपा जाएगा ज्ञापन

राज्यपाल सप्रे संग्रहालय अलंकरण समारोह में हुए शामिल

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि पदाभिमान पतन का कारण होता है। पद ईश्वर का प्रसाद है, जो पिछड़े और वंचित वर्गों की समस्याओं के समाधान और उनके सहयोग के लिए मिलता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में वह प्रदेश के दूरस्थ अंचलों के भ्रमण और वंचित वर्गों के साथ आत्मीय संवाद बना कर, उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ‍प्रयास कर रहे हैं। अभी तक प्रदेश के 39 जिलों का भ्रमण कर चुके हैं।

राज्यपाल श्री पटेल आज सप्रे संग्रहालय अलंकरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह माधवराव सप्रे स्मृति समाचार-पत्र संग्रहालय एवं शोध संस्थान भोपाल के पं. झाबरमल्ल शर्मा सभागार में हुआ।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि भौतिक सुख क्षणिक संतुष्टि है। आत्मिक आनंद की अनुभूति ही सच्चा सुख है। अनीति से भौतिक सुख प्राप्त करना केवल क्षणिक आनंद दे सकता है। अंतर्मन में आत्म-ग्लानि का भाव स्थायी रूप से उत्पन्न हो जाता है। यह भाव जीवन भर व्यक्ति के मन में रहता है और समय-समय पर पीड़ा देता है। राज्यपाल ने कहा कि संसाधन उन्नति का साधन नहीं है। उन्होंने अपने जीवन की पृष्ठभूमि का संदर्भ देते हुए कहा कि राष्ट्र और समाज के लिए समर्पित सोच ही प्रगति का मार्ग है। किसी भी स्थान और क्षेत्र पर किसी एक का एकाधिकार नहीं होता है। सद्प्रयास और सदाचार को निरंतर आगे बढ़ने का मार्ग मिल जाता है। राज्यपाल ने अंलकृत विभूतियों को बधाई दी। उन्होनें कहा कि साहित्य का सृजन दिल, दिमाग और हाथों का कमाल है। ऐसे सिद्ध-जन का सम्मान स्वस्थ समाज निर्माण का प्रयास है। इसके लिए सप्रे संग्रहालय बधाई का पात्र है।

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ.पी. रावत ने कहा कि संस्थान की स्थापना के समय से ही उनका जुड़ाव संस्थान से रहा है। उन्होंने कहा कि समाज की धरोहरों को उजागर करने के प्रयास को विस्तारित किया जाना चाहिए। समाज की विभूतियों को अलंकृत करने से लोगों को उनके प्रामाणिक कार्यों से समाज के लिए योगदान की प्रेरणा मिलती है और समाज का गौरव बढ़ता है।

अलंकृत विद्वान डॉ. शीलेन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ ने अपनी जीवन-गाथा से परिचित कराया। संग्रहालय के संस्थापक श्री विजय दत्त श्रीधर ने बताया कि दुनिया में समाचार-पत्रों के संग्रहालय के रूप में यह अनूठा स्थान है, जहाँ 5 करोड़ पृष्ठ का विशाल संग्रह है, जिसका 12 हजार से अधिक शोधार्थियों ने उपयोग किया है। उन्होंने बताया कि चम्पारन सत्याग्रह के 100 वर्ष की स्मृति में महात्मा गांधी और डॉ. हरिकृष्ण दत्त के साहित्यक योगदान की स्मृति में इन अलंकरण सम्मानों की स्थापना की गई है।

Public ki Awaaz
<h4>हमारी एंड्राइड न्यूज़ एप्प डाउनलोड करें </h4>

हमारी एंड्राइड न्यूज़ एप्प डाउनलोड करें

Get real time updates directly on you device, subscribe now.