May 17, 2024 |
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राधे-राधे प्रभात फेरी मंडल ने ब्रह्म मुहूर्त में निकली चुनरी यात्रा, और किया कन्याओं का पूजन

बीना -राधे राधे प्रभात फेरी मंडल द्वारा चैत्रीय नवरात्रि के अवसर पर जगत जननी देवी स्वरूप कन्याओं का पंचमी पर कन्या पूजन किया गया ।

शनिवार की सुबह 5:00 बजे राधे राधे प्रभात फेरी मंडल द्वारा मां जागेश्वरी धाम से यात्रा प्रारंभ हुई जिसमें छोटी-छोटी कन्याओं ने हिस्सा लिया ।

यात्रा का नजारा ही कुछ अलग था,जैसे साक्षात देवी चल रही हो रास्ते भर देवी स्वरूप कन्याओं का पूजन किया गया और जैसे ही मां जागेश्वरी धाम पर यात्रा पहुंची तो मां जागेश्वरी देवी को चुनरी भेंट की गई और जयकारों के नारों से धर्ममय वातावरण छा गया ।

तत्पश्चात सभी ने समस्त कन्याओं के चरण धोकर उनका पूजन कर आशीर्वाद लिया इस मौके पर ज्योतिष आचार्य पंडित प्रदीप नगाइच ने बताया कि कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है। कन्या पूजन करने से आपको उपवास का भी फल मिलता है। साथ ही घर में सुख शांति बनी रहती है।

देवी भागवत पुराण के अनुसार, देवराज इंद्र ने भगवान ब्रह्माजी से भगवती को प्रसन्न करने की विधि पूछी, तो उन्होंने सर्वोत्तम विधि के रूप में कुमारी कन्याओं का पूजन ही बताया। तब से लेकर आज तक कन्या पूजन किया जाता है।

 

हर वर्ष की कन्या का अलग महत्व

 

हर वर्ष की साल की कन्या का एक अलग महत्व है। अगर आप दो साल की कन्या का पूजन करते है, तो इससे आपके परिवार से दरिद्रता दूर होती है। तीन साल की कन्या को त्रिमूर्ति का रूप माना जाता है। इनका पूजन करने से आपके जीवन में धन-धान्य की भरमार रहती है।

 

चार साल की कन्या को कल्याणी माना गया है। वहीं पांच साल की कन्या रोहिणी होती हैं। इन सभी का पूजन करने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है। छह साल की कन्या को कालिका रूप माना गया है। इसके अलावा 7 साल की कन्या को चंडिका माना जाता है।

 

अगर आप अपने घर में आठ साल की कन्या का पूजन करते हैं, तो वह शाम्भवी कहलाती हैं। इसके अलावा नौ साल की कन्याओं को दुर्गा का रूप माना जाता है।

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