मयंक जैन -भगवान की भक्ति करने वाले श्रद्धालुओं के आपने अलग-अलग रूप देखे होंगे, लेकिन एक श्रद्धालु ऐसे हैं जिनका अंदाज बिल्कुल अलग है. वह अपने पिता से किया वादा निभाने के लिए 1800 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर रहे हैं, यह सागर जिले के सनोधा गांव के निवासी मुरलीधर चढ़ार हैं, जो अपने घर से वैष्णो देवी की यात्रा पर निकले हैं करीब डेढ़ महीने में यह वैष्णो देवी धाम पहुंचेंगे रोजाना 50 किलोमीटर चल रहे हैं।
मुरलीधर बताते हैं कि वह बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी तीर्थ पैदल यात्रा कर चुके हैं पिछले साल बागेश्वर धाम होते हुए चित्रकूट और अयोध्या भी गया था इस बार वैष्णो देवी जा रहा हूं जब तक भगवान की कृपा रहेगी शरीर चलता रहेगा हर साल किसी न किसी धाम की पैदल यात्रा करते रहेंगे और सनातन का झंडा लिए रहेंगे
मुरलीधर चादर पेशे से मजदूर है, अपनी यात्रा के दौरान वह बंदरी पहुंचे जहां अनुभव साझा किया वह अपने साथ करीब 20 किलो का वजन भी साथ लेकर चल रहे हैं जहां अंधेरा हो जाता है वहीं पर यात्रा रुक जाती है सुबह उजाला होते ही आगे बढ़ जाते हैं अपने साथ खाने पीने का सामान भी लिए हैं तो खुद ही बनाकर खा लेते हैं कही कही अच्छे लोग मिलते हैं जिनके सहयोग रहता है।