मयंक जैन – खुरई में सोमवार की रात उज्जैन की तर्ज पर बाबा महाकाल की शाही सवारी नगर के प्रमुख मार्गो से धूमधाम के साथ निकाली गई। पालकी में विराजमान बाबा महाकाल का जगह-जगह स्वागत किया गया।
नगर भ्रमण पर निकले बाबा महाकाल
खुरई के राहतगढ़ रोड़ स्थित ऑडिटोरियम के पास स्थित महाकालेश्वर मंदिर से भगवान महाकाल का शाही चल समारोह निकाला गया। शाही सवारी में ढोल, नगाड़े, पारंपरिक वाद्ययंत्रों सहित डीजे की धुन पर भक्त नाचते गाते हुए चल रहे थे। सवारी में श्रृद्धालुओं द्वारा रंग गुलाल को उड़ाते हुए माहौल को और भी आलोकिक बना दिया। इस दौरान भक्त हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारें लगाते हुए चल रहे थे। इससे पहले शाही सवारी निकाले जाने की तैयारियां नगर में जोरों पर चल रहीं थी। नगर में होर्डिंग आदि लगाकर प्रचार प्रसार किया गया था। दो दिनों पहले से तोरण द्वार बनाकर नगर को सजाया गया था। लोगों ने अपने अपने तोरण द्वार पर शाही सवारी का जोरदार स्वागत किया। छतों से पुष्प वर्षा भी की गई। भगवान महाकाल की शाही सवारी नगर के ऑडिटोरियम के पास स्थित महाकालेश्वर मंदिर से शुरू हुई जो नगर के राहतगढ़ नाका, शिवाजी चौक, किला गेट, ललिता शास्त्री स्कूल, झंडा चौक, परसा चौराहा, पीपल चौराहा, गढ़ौला नाका चौराहा, सागर नाका चौराहा से होकर नगर भ्रमण करते हुए मंदिर में वापस पहुंची। जहां पूजा के साथ मंदिर में महाकाल को विराजमान किया गया।
नगर भ्रमण पर निकलते हैं राजा महाकाल
पंडित मनोहर पांडेय ने बताया कि दरअसल खुरई में भी राजा महाकाल की यह पालकी यात्रा उज्जैन की तर्ज पर निकाली जाती है। खुरई में शाही सवारी निकाले जाने का यह चौथा वर्ष है। दरअसल ऐसी मान्यता है कि उज्जैन में एक ही महाराजा रहे हैं बाबा महाकाल। यही कारण है कि कोई भी राजा प्रधानंमत्री या मुख्यमंत्री उनके सम्मान में दर्शन करने तो जाते हैं लेकिन रात नहीं रुकते हैं। श्रवण मास के सोमवार को बाबा महाकाल राजा के रुप में अपने राज्य का भ्रमण करने निकलते हैं। इसी को देखते हुए खुरई में भी यह शाही सवारी निकाली जाने लगी। इस दौरान बड़ी संख्या मे शिव भक्त शामिल होते हैं।