भीम आर्मी के सह संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण पहुचे बरोदिया नोनागिर,दिया 15 दिन का अल्टीमेट , नहीं तो इसके बाद 21 जून को सागर में बड़ा प्रदर्शन
खुरई। सागर जिले की खुरई विधानसभा के बरोदिया नोनागिर गांव के मामले में राजनीति खुरई से लेकर दिल्ली तक गरमाई हुई है, पूर्व दिग्विजय सिंह, पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के बाद अब भीम आर्मी के सह संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण आज शनिवार को बरोदिया नोनागिर गांव पहुंचे। पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद उन्होंने प्रशासन को चार मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेट दिया है, नहीं तो इसके बाद 21 जून को सागर में बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा।
दोनों परिवारों में पहुंचकर परिजनों से की चर्चा
सबसे पहले भीम आर्मी के सह संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण मृतिका अंजना अहिरवार के घर पर पहुंचे। जहां करीब 35 मिनट तक मुलाकात की। जिसमें 15 मिनट बंद कमरे में चर्चा की गई। अंजना अहिरवार के दोनों भाइयों, माता-पिता से चर्चा की। परिवार ने घटना से संबंधित वीडियो और आवेदन दिखाए। इसके बाद चंद्रशेखर मृतक राजेंद्र अहिरवार के घर पहुंचे। उनके भी परिजनों से मुलाकात की, अंजना के घर के बाहर मौजूद बड़ी संख्या में आए कार्यकर्ताओं को उन्होंने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रशासन को 15 दिन तक का अल्टीमेटम दिया है मांगे पूरी नहीं हुई तो आंदोलन करेंगे। उन्होंने सागर जिले के एक बड़े नेता का नाम लिए बैगर ही उनके खिलाफ में सब कुछ बोल दिया।
प्रशासन को 15 दिन का दिया अल्टीमेट
सागर जिले की खुरई विधानसभा के बरोदिया नोनागिर का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब यहां पर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर शनिवार को पहुंचे। उनके साथ में सैकड़ो की संख्या में भीम आर्मी से जुड़े कार्यकर्ता भी मौजूद थे, चंद्रशेखर ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रशासन को चार मांगों को लेकर 15 दिन का अल्टीमेट दिया है। नहीं तो इसके बाद 21 जून को सागर के कजलीवन मैदान में एकत्रित होकर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा। चंद्रशेखर ने इस मामले में निष्पक्ष सीबीआई जांच कराने, पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता, पीड़ित परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी देने, मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार को सागर जिले में आवासीय भूमि या मकान देने सहित शस्त्र लाइसेंस देने की मांग की है। इस संबंध में राज्यपाल के नाम का ज्ञापन खुरई एसडीओपी सचिन परते और एसडीएम रवीश श्रीवास्तव को सौंपा है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को मुट्ठी बंधवाकर सागर में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने और अपने साथ अन्य साथियों को लाने का संकल्प दिलाया।
यह था पूरा मामला
बता दें कि 25 मई को मर्डर के गवाह के साथ दूसरे पक्ष के लोगों ने मारपीट की थी। जहां इलाज के दौरान राजेंद्र अहिरवार की जान चली गई थी। इसके बाद जब उसे पोस्टमार्टम के बाद वापस घर बॉडी को ले जा रहे थे तो रास्ते में मुंह बोली भतीजी अंजना अहिरवार भी एंबुलेंस से कूद गई थी। जिससे मौके पर ही उसकी जान चली गई थी। इसी मामले में सागर से लेकर दिल्ली तक सियासत गरमाई हुई है। चंद्रशेखर से पहले यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी मुख्यमंत्री मोहन यादव भी पहुंच चुके हैं।