मयंक जैन । खुरई के राहतगढ़ रोड पर नाला निर्माण कंपनी की लापरवाही का खामियाजा एक युवक को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा। नाले में गिरने से एक रॉड युवक की गर्दन के पास से घुसकर सिर से निकल गई और वह लटक गया। युवक को गंभीर हालत में भोपाल रेफर कर दिया गया था। इलाज के दौरान तीन दिन बाद युवक की आज शुक्रवार को मौत हो गई।
नाले में गिरकर गंभीर रूप से हुआ था घायल
प्रत्यक्षदर्शी अनुज बंसल ने बताया कि 12 मार्च की रात में राहतगढ़ रोड स्थित मंगल भवन में शादी में बैंड बजाने के बाद गाड़ी पर बाजे रखने के लिए सभी बैंड पार्टी के लोग लौट रहे थे। नाला बीच में खुला था, जो अंधेरे में विशाल पिता सुंदरलाल बंसल (22) निवासी शिवाजी वार्ड खुरई को नहीं दिखाई दिया। जिससे वह नाले में गिरा, तभी एक रॉड उसके गर्दन के पास से घुसकर सिर से निकल गई और वह लटक गया। साथियों ने देखा और उसे मुश्किल से निकाला। सिविल अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बीएमसी सागर ले गए, वहां से रेफर के बाद निजी अस्पताल में ले गए। इसके बाद भोपाल एम्स में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान युवक की शुक्रवार को मौत हो गई। शव का पोस्टमार्टम भोपाल में ही कराया जा रहा है। इसके बाद शव को खुरई लाया जाएगा।
ठेकेदार की लापरवाही से बेटे की हो गई मौत
मृतक के भाई राकेश बंसल ने बताया कि नाला निर्माण कर रहे ठेकेदार की लापरवाही से यह घटना हुई है। उन्होंने बताया कि खुले नाले की वजह से ही उसके भाई की जान चली गई है। जगह-जगह से नाला खुला है, अधूरा है और रॉड निकली हैं। घटना का पता चलने के बाद नाला निर्माण कंपनी के ठेकेदार ने हादसे वाली जगह से नाले पर लगी लोहे की रॉड कटवा ली है, जिसका कटिंग पत्ता मौके पर पड़ा है। सुरक्षा के नाम फीते बांध दिए, जो एक घंटे बाद ही हवा में सरक गए। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं है। घटना के बाद ठेकेदार ने कोई सुध नहीं ली है।
कभी इंसान तो कभी जानवर हो रहे हैं शिकार
खुरई में जगह-जगह नाला खुले पड़े हुए हैं। जिसका खामियाजा कभी इंसानों को तो कभी जानवरों को भुगतना पड़ रहा है। नाला निर्माण कंपनी की लापरवाही बढ़ती जा रही है। अब भी कई जगहों पर अधूरे नाले खुले पड़े हैं, बीच-बीच में नाला निर्माण नहीं है। इसमें रॉड भी निकली है, यह सड़क किनारे हैं, इनकी गहराई 10 से 12 फीट है, जिसमें बाइक सवार, पैदल राहगीर ओर मवेशी भी गिर रहे हैं। कुछ दिनों पहले सागर रोड पर खुले नाले में एक सांड गिर गया था। जिसे कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका था।