खुरई। खुरई के बरोदिया नोनागिर गांव में हत्या के चश्मदीद गवाहों में से एक की धारदार हथियारों से हत्या और दूसरे की एंबूलेंस से कूदकर मरने का मामला तूल पकडता जा रहा है। गांव पहुचे पूर्व मुख्यमन्त्री दिग्विजय सिंह ने गवाहों के मारे जाने की घटना को जिला प्रशासन की नाकामी बताकर सभी को बदलने की मांग मुख्यमन्त्री से की साथ ही उन्होंने स्थानीय विधायक भूपेन्द्र सिंह पर भी निशाना साधा। ओर भाजपा को संविधान से खिलवाड करने वाला बताया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करीब 3 घंटे 35 मिनट बरोदिया नोनागिर में रुके।
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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पीड़ित परिवार से मिलने बरोदिया नोनागिर पहुंचे, वह सबसे पहले मुंह बोली बहन अंजना अहिरवार के घर पहुंचे ,उसके परिजनों से 40 मिनट तक चर्चा की। जहां परिजनों ने प्रशासन और पुलिस के प्रति नाराजगी जताते हुए उनके न्याय की गुहार लगाई। इसके बाद मृतक राजेंद्र अहिरवार के परिवार वालों से भी मिले। यहां करीब 20 मिनट तक चर्चा की। घटना के संबंध में परिजनों से पूछा। चर्चा करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अंजना अहिरवार के घर पर पुनः पहुंचे। जहां उन्होंने घर पर बैठकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव ऊईके से करीब 50 मिनट तक चर्चा की ओर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा करने के बाद अंजना अहिरवार की अंतिम यात्रा निकाली गई। घर से मुक्तिधाम तक वह पैदल चले और अंत्येष्टि में लकड़ी दी और उन्हें नमन किया। अंतिम यात्रा में शामिल होने के बाद वह घायल पप्पू रजक के घर पहुंचे जहां उन्होंने घटना स्थल देखा और घायल की बच्ची और पत्नी से चर्चा की। जबकि घायल पप्पू रजक का इलाज भोपाल में चल रहा है। वह करीब 3 घंटे 35 मिनट तक यहां रुके। इसके बाद भोपाल रवाना हो गए।
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दिग्गी राजा बोले की 8 दिन पहले अंजना ने थाने में शिकायत की थी कि उन्हें राजीनामा के लिए बयान बदलने के लिए दवाब बनाया जा रहा है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई, जो इसके भाई लालू के साथ घटना हुई थी उसमें अंजना, राजेंद्र और अंजना की मां गवाह थी राजेंद्र पर दबाव डाला जब वह नहीं माना तो उसकी हत्या कर दी अंजना मर गई, जहां पर भी एससी एसटी के मामले होते हैं तो यह लोग विरोध क्यों करने लगते हैं मुझे यह समझ नहीं आता पिछली बार घटना के समय भी अंजना को सरकारी नौकरी देने की बात कही थी लेकिन कुछ नहीं हुआ
मुख्यमंत्री से जिला प्रशासन को बदलने की मांग करेंगे
पूर्व मुख्यमन्त्री दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर जिला प्रशासन को जमकर घेरा है। उन्होंने स्थानीय विधायक को गैर जिम्मेदार भी बताया। गौरतलब है कि 23 अगस्त 2023 को अंजना अहिरवार से छेडछाड के मामले में राजीनामा का दबाव बनाते बनाते अंजना अहिरवार के भाई नितिन की हत्या कर दी गई ,अंजना की मां को निर्वस्त्र कर घुमाया था। इस मामले में कोर्ट में गवाही तय थी ,हत्या के मामले में बयान पलटने का दबाव बनाने दो दिन पहले अंजना के रिश्ते के चाचा राजेन्द्र अहिरवार की धारदार हथियारों से लैस होकर हत्या कर दी गई, अंजना के चाचा का अंतिम संस्कार से पहले शव चौराहे पर रखकर विरोध प्रदर्शन जताना चाहती थी।लेकिन एंबूलेंस चालक ने एंबूलेंस नहीं रोकी और अंजना कूद गई। जिससे उसकी अस्पताल में मौत हो गई। घटना से पहले अंजना की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा कर्मी हटा लिए गए। और लगातार अंजना अहिरवार पर अंकित ठाकुर ने बयान बदलने का दबाव बनाया। गांव मे तनाव के हालत के बाबजूद पुलिस ने एफआईआर के बाबजूद तत्परता नही बरती ओर दो गवाह मारे गए। पूर्व मुख्यमन्त्री दिग्विजय सिंह नौ माह पहले अंजना के भाई नितिन की हत्या के बाद अंजना अहिरवार से राखी बंधवाकर गए और आज अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
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