November 21, 2024 |
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सुमरेरी रेलवे अंडरपास में जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन

खुरई। खुरई के सुमरेरी रेलवे अंडरपास में जलभराव के चलते एक दर्जन से ज्यादा गांवों का रास्ता अवरूद्ध होने पर मुख्य रेलवे फाटक खोले जाने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में ग्रामीण सुमरेरी रेलवे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन करने के लिए पहुंचे थे। स्टेशन पर पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा। इस दौरान सुमरेरी रेलवे स्टेशन पुलिस छावनी में तब्दील था। ग्रामीणों ने चेतवानी दी है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो एक सप्ताह के बाद रेल रोको आंदोलन किया जाएगा।

 

छावनी में तब्दील

पुलिस छावनी में तब्दील हो गया सुमरेरी स्टेशन

 

मंगलवार को सुमरेरी रेलवे स्टेशन पर एक अलग ही नजारा देखने को मिला। जहां पूरा रेलवे स्टेशन परिसर पुलिस छावनी में तब्दील था। मामला था सुमरेरी के आसपास के एक दर्जन से ज्यादा गांवों के लोगों ने एक दिन पहले चेतवानी दी थी कि यदि रेलवे गेट खोलने की मांग पूरी नहीं होती है तो बड़ी संख्या में गांव के लोग आकर रेल रोककर आंदोलन करेंगे। रेल रोको आंदोलन की चेतावनी के बाद रेल पुलिस, स्थानीय पुलिस के अलावा प्रशासन भी हरकत में आ गया और भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। 

 

 

ज्ञापन सौंपकर ओवरब्रिज बनाने की मांग की

बिधायक प्रतिनिधि

पूर्व मंत्री व खुरई विधायक भूपेंद्र सिंह के प्रतिनिधि लखन सिंह ने रेल व सूचना विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव के नाम का ज्ञापन रेल अधिकारी को सौंपा है। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि सुमरेरी रेलवे क्रॉसिंग एलसी-10 पर रेलवे क्रॉसिंग बंद कर अंडरपास बनाया गया है। चूंकि अंडरपास में बारिश के पानी का फ्लो बहुत ज्यादा होता है। बारिश के दौरान अंडरपास में 6 से 10 फीट तक जलभराव रहता है। जिससे करीब 25 गांवों का रास्ता पूरी तरीके से बंद हो जाता है। इतना अधिक जलभराव है कि पिछले दिनों रास्ता बंद होने से रेलवे क्रॉसिंग पर ही एक महिला की डिलीवरी हो गई, वह अस्पताल नहीं जा सकी। जिसमें ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि सुमरेरी रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज स्वीकृत करने की मांग की गई है। जिससे क्षेत्र की जनता को सुविधा उपलब्ध हो सके। इस पर रेलवे अधिकारियों ने लोगों को आश्वासन दिया कि अंडरपास से पानी की निकासी की व्यवस्था की जाएगी और दो मोटर लगाई जाएगी ताकि जल्दी से पानी निकल सके। अंडरपास के लिए दो लोग अलग से नियुक्त किए जाएंगे। पानी निकासी के लिए स्थानीय स्तर के विभागों के अधिकारियों से भी सलाह लेकर कार्य किया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि यदि एक सप्ताह के अंदर समस्या का समाधान नहीं होने पर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा। 

 

अंडरपास में पानी भर जाने से ग्रामीण हो रहे परेशान 

दरअसल सुमरेरी रेलवे अंडरपास में चार दिन पहले आठ फीट ऊंचाई तक जलभराव हो गया था। इससे सामान्य आवागमन तो खत्म हो ही गया साथ ही चार पहिया वाहनों का निकलना भी बंद हो गया था। जलभराव के तीसरे दिन एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने के बाद अस्पताल नहीं ले जाया जा सका और उसकी बंद फाटक के पार ही डिलीवरी हो गई। गढ़ौला जागीर सीएम राईज स्कूल सहित कई स्कूलों में छात्र छात्राएं नहीं पहुंच सके। सुमरेरी, गढ़ौला जागीर, बलोप, धरमपुर, पाली सहित अन्य ग्रामों के किसान उर्वरक, दवाईयों जैसे कृषि कार्यों के लिए बेबस हो गए हैं। इन गांवों के लोग खुरई, जरुआखेड़ा, सागर जाने से वंचित हो चुके हैं क्योंकि चार दिन बाद भी अंडरपास में बड़ी मात्रा में पानी भरा है। गढ़ौला जागीर के सरपंच प्रतिनिधि शत्रुघन सिंह ठाकुर ने बताया कि रेलवे प्रशासन पंपों से पानी निकालने में नाकाम रहा है क्योंकि आसपास के जंगली जल स्रोतों से पानी लगातार आता जा रहा है। अंडरपास बनाने का निर्णय लेते समय रेलवे प्रशासन ने वर्षाकाल की परिस्थितियों का आकलन करने में बड़ी चूक कर दी जो अब स्थानीय नागरिकों के लिए संकट बन कर सामने आ गई।

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