मयंक जैन खुरई – सुरक्षित प्रसव कराने के लिए भले ही करोड़ों रुपए बर्बाद किए जा रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी लापरवाही के चलते इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है और ऑटो से गर्भवती महिला को अस्पताल लाया गया।मंगलवार की रात को खुरई में ऐसा ही एक मामला सामने आया, जिसमें ऑटो में ही महिला ने बच्ची को जन्म दे दिया। हालांकि मां और नवजात शिशु को बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया और फिलहाल उनकी हालत ठीक है.
परिजनों ने पूछा तो बताया गया की गाड़ी फ्री नही
प्रदेश सरकार जननी एक्सप्रेस के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। उसके बाद भी लगातार लापरवाही के मामले सामने आ रहे हैं। इसका खामियाजा जननी और नवजात बच्चे भुगत रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मंगलवार की रात को खुरई सिविल अस्पताल में देखने को मिला। जानकारी के अनुसार खुरई ब्लॉक के कजरई गांव के रहने वाले मुकेश आदिवासी की पत्नी जयंती को प्रसव पीड़ा हुई। उनके परिजनों ने जननी एक्सप्रेस के लिए कई बार फोन लगाया, लेकिन हर बार जवाब दिया गया कि अभी जननी एक्सप्रेस फ्री नहीं है। जैसे ही गाड़ी फ्री हो जाएगी आपके पास पहुंच जाएगी। उसके बाद महिला के परिजन उसे ऑटो पर लेकर खुरई सिविल अस्पताल के लिए रवाना हुए। मुकारमपुर गांव के पास रास्ते में ही ऑटो के अंदर ही महिला की डिलीवरी हो गई। महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया।
साथ नहीं आई आशा-उषा कार्यकर्ता
महिला के परिजनों ने बताया कि जब महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी थी तो आशा-उषा कार्यकर्ताओं को घर पर जाकर सूचित किया था पर वह साथ में नहीं आई। जबकि शासन द्वारा सुरक्षित डिलेवरी करवाने को लेकर आशा-उषा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई है लेकिन लापरवाही का आलम ये है कि आशा उषा कार्यकर्ताओं को आदिवासी महिला के साथ अस्पताल तक आने का समय नहीं मिला है।
सिविल अस्पताल में भी दिखी लापरवाही
जब महिला की ऑटो में डिलीवरी हो गई थी तो वह ऑटो से रात को सिविल अस्पताल पहुंची तो यहां भी लापरवाही देखने को मिली। महिला काफी देर तक ऑटो में बैठी रही और उसके बाद एक आया आई और वह महिला को अंदर लेकर चली गई। जबकि स्टॉफ नर्स को मौके पर आना चाहिए था और बच्ची और उसकी मां को डॉक्टर को दिखाकर स्थिति की जानकारी लेना था, वह भी नहीं ली गई।
मामले की जांच की जाएगी
खुरई बीएमओ शेखर श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है। इस मामले की जांच कर कार्रवाई की जाएगी।