झोलाछाप डॉक्टरों के पास हर बीमारी का इलाज मुख्यमंत्री के आदेश की अवेलना, झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान से कर रहे खिलवाड़।
खुरई – शहर और ग्रामीण इलाकों में बिना डिग्री और बिना रजिस्ट्रेशन के झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा क्लीनिक संचालित की जा रही है। खुरई शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप डॉक्टर सभी बीमारियों का इलाज कर रहे है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी इन पर अब तक स्वास्थ्य विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की है। खुरई नगर के महावीर वार्ड में स्थित नन्दराम अहिरवार नामक व्यक्ति द्वारा लगातार कई वर्षों से क्लीनिक खुलेआम संचालित की जा रही है जिसमें सुबह से देर रात तक कथित डाक्टर द्वारा इलाज किया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की नजर अब तक इस क्लीनिक पर नहीं पड़ी है
झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जान से कर रहे खिलवाड़
खुरई के शहरी व ग्रामीण अंचलों में बुखार, उल्टी, दस्त मलेरिया, दाद खाज और खुजली के अलावा सांस के गंभीर मरीजों का इलाज झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं। इन डॉक्टरो के पास ना तो डिग्री है,लेकिन बड़ी से बड़ी गंभीर बीमारियों का इलाज करने का दावा करते हैं, और यह झोलाछाप डॉक्टर भोलेभाले लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। कई जगह झोलाछाप डॉक्टरों के अलावा नाबालिक परिजन भी दवाईयां करते हैं झोलाझाप डॉक्टरों ने जगह जगह अस्पताल तक खोल रखे हैं।
देर रात तक करते रहते हैं परिवार सहित इलाज ।
ग्रामीण अंचलों में बड़ी संख्या में झोलाछाप डॉक्टर क्लीनिक खोले हुए हैं, खुरई नगर व ब्लॉक में जो अपने दवाखाने में बड़ी से बड़ी गंभीर बीमारी का इलाज करने का दावा ग्रामीणों से करते है, इनके पास डिग्री भी नहीं है फिर भी वह ग्रामीणों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। वही स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी इन झोलाछाप डॉक्टरों की क्लीनिक पर कार्यवाही भी नहीं की जाती , जिससे शहर व ग्रामीण अंचलों में झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या बढ़ती ही जा रही है।
यह कहती है गाइडलाइन
जबकि गाइडलाइन के अनुसार विपरीत अयोग्य,अनाधिकृत,अपंजीकृत और मेडिकल काउंसलिंग ऑफ इंडिया में पंजीयन कराए बिना एलोपैथी, आयुर्वेदिक होम्योपैथी और यूनानी चिकित्सा के माध्यम से बीमार लोगों का इलाज किया जाना गैरकानूनी है और ऐसा करने वालों पर सुसंगत धाराओं में एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। इसके लिए सीएमओ स्तर से क्षेत्रवार नोडल अधिकारी भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैनात किए गए हैं फिर भी मिलीभगत के चलते स्वास्थ्य विभाग इन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।
कई मरीज गंवा चुके जान
शहर में कई बार देखने को मिला है नियम विरुद्ध चलने वाले झोला छाप डॉक्टरो की अस्पतालों में कई मरीज ने दम तोड़ा है दम तोड़ने के बाद झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा सिविल अस्पताल खुरई में रेफर कर दिया जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कानों पर जू नहीं रेंग रहा ।
सीएमएचओ डां ममता तिमोरी का कहना है कि समस्त बी एम ओ को आदेश कर दिया गया है अनुविभागीय अधिकारी व पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम गठित कर कार्यवाही करें