खुरई – खुरई के सागर रोड पर आचार्य विद्यासागर तिराहा के पास स्थित बायपास रोड पर अचानक से बाइक के सामने मवेशी आ जाने से बाइक सवार मवेशी से टकराकर घायल हो गया। बाइक सवार बीना जनपद शिक्षा केंद्र में पदस्थ उपयंत्री है। जिसे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। प्राथमिक उपचार के बाद उसे गंभीर हालत में सागर रेफर कर दिया गया है, लेकिन जिस 108 एंबुलेंस में घायल को सागर रेफर किया जा रहा था उस एंबुलेंस का ऑक्सीजन लॉक नहीं खुलने से मरीज को 20 मिनट तक परेशान होना पड़ा। इसके बाद लोहे की सब्बल से लॉक तोड़ा गया। तब कहीं जाकर मरीज को सागर भेजा गया।
अचानक मवेशि बाइक के सामने आ जाने हुई दुर्घटना
जानकारी के अनुसार बाइक सवार बृजेंद्र पिता राजेंद्र शर्मा (37) निवासी अपना नगर कॉलोनी बीना जो अपनी बाइक क्रमांक एमपी 15 एम क्यू 4416 से बीना से सागर जा रहे थे कि खुरई बायपास पर अचानक से एक मवेशी आ जाने से बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई। जिसमें बाइक सवार घायल हो गया। घायल बाइक सवार को निजी वाहन से सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उनका इलाज किया गया। बाइक सवार हेलमेट पहने हुए था लेकिन घटना के समय हेलमेट खुलकर दूर जाकर गिर गया। बाइक सवार को सिर और पैरों में चोटें आई हैं। जिसका इलाज सिविल अस्पताल में किया जा रहा था लेकिन अचानक से घायल की तबियत खराब होने पर उसे सागर रेफर कर दिया गया है।
बैठक में शामिल होने जा रहा था बाइक सवार सागर
बाइक सवार बृजेंद्र शर्मा जो बीना जनपद शिक्षा केंद्र में उपयंत्री के पद पर पदस्थ हैं। घटना की जानकारी मिलने के बाद उनके परिजन और स्टॉफ अस्पताल पहुंच गए थे। टक्कर में मवेशी को भी चोटें आई हैं। घायल मवेशी के इलाज के लिए गौ सेवा समिति के सदस्य भी पहुंच गए थे और मवेशी का इलाज भी किया गया। परिजनों ने बताया कि उपयंत्री बृजेंद्र शर्मा सागर में बैठक में शामिल होने के लिए बाइक से अकेले जा रहे थे।
108 एंबुलेंस का ऑक्सीजन लॉक जब नहीं खुला
एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हुए बृजेंद्र शर्मा को जब खुरई सिविल अस्पताल के डॉक्टर ने गंभीर हालत में जिला अस्पताल के लिए सागर रेफर किया गया तो परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। जब खिमलासा की 108 एंबुलेंस क्रमांक सीजी 04 एन डब्लू 2524 सिविल अस्पताल पहुंची तो घायल को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी लेकिन जब स्टॉफ ने ऑक्सीजन लॉक को खोलने की कोशिश की तो वह नहीं खुला। इसके बाद सभी लोग लॉक को खोलने का प्रयास करने लगे। मरीज के परिजनों ने थक हारकर प्राइवेट अस्पताल की एंबलेंस को बुला लिया लेकिन इसी बीच सब्बल से ऑक्सीजन लॉक को तोड़ दिया गया तब मरीज को 108 एंबुलेंस से सागर रेफर कर दिया गया। ऑक्सीजन लॉक को तोड़ने में करीब 15 से 20 मिनट लग गए। यदि ऐसे में मरीज को कुछ भी हो जाता तो इसकी जवाबदारी किसकी होती।
मामले की जांच की जाएगी
108 एंबुलेंस के प्रदेश मीडिया प्रभारी तरुण सिंह ने बताया कि आपके द्वारा मामले की जानकारी दी गई है। इस मामले में पूछताछ की जाएगी कि किस वजह से ऑक्सीजन लॉक नहीं खुला। पूरे मामले की जांच के बाद आपको बता दिया जाएगा।